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(मस्जिदे अक़्सा में नमाज़ पढ़ने का सवाब)

(मस्जिदे अक़्सा में नमाज़ पढ़ने का सवाब)


✍️हज़रते सय्यिदुना अबू दरदा रज़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु' से रिवायत है कि *हुज़ूर नबिय्ये करीम ﷺ ने फ़रमाया: मस्जिदे ह़राम में नमाज़ पढ़ना दीगर मसाजिद में एक लाख नमाज़ें पढ़ने से अफ़्ज़ल है, और मेरी मस्जिद (मस्जिदे न-बवी) या’नी मदीना में एक हज़ार नमाज़ें पढ़ने से, और बैतुल मुक़द्दस में पांच सो नमाज़ें अदा करने से अफ़्ज़ल है।*


✍️एक और रिवायत में है कि *मस्जिदे ह़राम (या’नी मक्का) में एक नमाज़ पढ़ना दीगर मसाजिद में एक लाख नमाज़ें पढ़ने, और मस्जिदे न-बवी शरीफ़ (या’नी मदीना) में एक हज़ार नमाज़ें पढ़ने से अफ़्ज़ल है और बैतुल मुक़द्दस में एक नमाज़ पढ़ना आ़म मसाजिद में पांच सो नमाज़ें पढ़ने से अफ़्ज़ल है।*

*📕الترغیب والترہیب، کتاب الحج، ج٢، رقم ١٠، ص١٤٠)*

📗जन्नत में ले जाने वाले आमाल' हदीस-223, पेज़ नं 98/99/100)


✍️हज़रते सय्यिदुना अ़ब्दुल्लाह बिन अ़म्र रज़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु' से रिवायत है कि *हुज़ूर नबिय्ये करीम ﷺ ने फ़रमाया: जब हज़रते सय्यिदुना सुलैमान बिन दावूद अलैहिस्सलाम' बैतुल मुक़द्दस की ता’मीर से फ़ारिग़ हुए तो उन्हों ने अल्लाह अ़ज़्ज़ व जल्ल' से एक ऐसी बादशाहत का सुवाल किया जो इन के बा’द किसी और को हासिल न हो और वोह उस की बादशाहत का मज़्हर हो और येह सुवाल किया कि इस मस्जिद में जो भी नमाज़ के इरादे से आए वोह गुनाहों से ऐसा पाक हो जाए जैसा कि उस की मां ने उसे जना था।*

फिर *रसूले अकरम ﷺ ने फ़रमाया कि दो चीजें तो उन्हें अ़ता फ़रमा दी गई और मुझे उम्मीद है कि तीसरी चीज़ भी उन्हें अ़ता फ़रमा दी गई होगी।*

*📕مسند احمد، رقم ٦٦٥٥، ج٢، ص٥٨٩)*

📗जन्नत में ले जाने वाले आमाल' हदीस-225, पेज़ नं 100)


✍️हज़रते सय्यिदुना अनस रज़ियल्लाहु तआ़ला अन्हु' से रिवायत है कि *हुज़ूर नबिय्ये करीम ﷺ ने फ़रमाया: आदमी का अपने घर में नमाज़ पढ़ना एक नमाज़ के बराबर है,*

और *मह़ल्ले की मस्जिद में नमाज़ पढ़ना पच्चीस नमाज़ों के बराबर है,*

और *जामेअ़ मस्जिद में नमाज़ पढ़ना पांच सो नमाज़ों के बराबर है,*

और *मस्जिदे अक़्सा और मेरी मस्जिद (या’नी मस्जिदे न-बवी) में नमाज़ पढ़ना पचास हज़ार नमाज़ों के बराबर है,*

और *मस्जिदे ह़राम में नमाज़ पढ़ना एक लाख नमाज़ों के बराबर है।*

*📕سنن ابن ماجہ، رقم ١٤١٣، ج٢، ص١٧٦)*

📗जन्नत में ले जाने वाले आमाल' हदीस-226, पेज़ नं 100)

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👤मुझे अपनी और सारी दुनिया के लोगो के इस्लाह की कोशिश करनी है. *إن شاء الله عزوجل*

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*“बराये करम इस पैग़ाम को शेयर कीजिये अल्लाह आपको इसका अजर–ए–अज़ीम ज़रूर देगा आमीन..,_(►जज़ाकअल्लाह खैरन◄)*

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✍अपने नेक दुआओ में याद रखें, *मौहम्मद तौहीद)*

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